Monday, 30 December 2024

kuhu kuhu bole koyaliya | कुहू कुहू बोले कोयलिया | kukslyrics


राग - सोहनी
आ, आ, आ आ, आ, आ

कुहू कुहू बोले कोयलिया (2)
कुंज-कुंज में भंवरे डोले
गुन-गुन बोले आ, आ, आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया

सज सिंगार ऋतु आई बसंती आ, आ, आ (2)
जैसे नार कोई हो रस्वंती

സനീധമധനീസ ഗമഗമധനീസ
രിസനീധനീ സരിസനീ സരിസനീ
ധനീനീ ധനീനീ ധനീ മധധ മധധ മധ
സരിഗമധനീസ

सज सिंगार ऋतु आई बसंती
जैसे नार हो रस्वंती
डाली-डाली कलियों को तितलियाँ चूमें
फूल-फूल पंखड़ियाँ खोलें, अमृत घोलें आ, आ, आ

कुहू कुहू बोले कोयलिया

राग - बहार
काहे घटा में बिजुरी चमके (2)
हो सकता है मेघराज ने
बादरिया का श्याम-श्याम मुख चूम लिया हो (2)
चोरी-चोरी मन पंछी उड़े, नैना जुड़े आ, आ, आ

कुहू कुहू बोले कोयलिया (2)
कुंज-कुंज में भंवरे डोले
गुन-गुन बोले आ, आ, आ
कुहू कुहू बोले कोयलिया

राग - जौनपुरी
आ, आ, आ आ, आ, आ
चंद्रिका देख छाई, पिया चंद्रिका देख छाई
चंदा से मिलके, मन ही मन में मुस्कायी
छायी, चंद्रिका देख छायी
शरद सुहावन, मधु मनभावन (2)
विरही जनों का सुख सरसावन (2)
छायी-छायी पूनम की घटा, घूंघट हटा आ, आ, आ

कुहू कुहू बोले कोयलिया

राग - यमन
आ, आ
सरस रात मन भाये प्रियतमा, कमल-कमलनी मिले (2)
सरस रात मन भाये
किरण हार दमके, जल में चाँद चमके
मन सानंद-आनंद डोले रे (2)

നീരിഗമധനീസ ധനീസ സനീസ 
ഗരിഗസരിനീസധനീമധനീസ
നീരി നീരി ധനീ ധനീ മധ മധ ഗമ ഗമ
ഗമധനീസ ഗമധനീസ ധനീസ

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